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सूप तो सूप, छलनी भी बोले जिसमें 72 छेद !

प्रयास
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उत्तर प्रदेश में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के लिए मुलायम का दिल कठोर हो गया। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाते हैं, सुधर जाने की हिदायत देते हैं। लेकिन मुलायम पुत्र और सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस कथित धमकी को नेता दी की सलाह समझकर भूल जाने की हिदायत देते हैं। कहते हैं नेता जी हमें भी तो सलाह देते हैं, इसमें क्या गलत है।

अखिलेश जी नेता जी का आपको सलाह देने समझ में भी आता है। खुद सीएम की कुर्सी पर बैठने की बजाए पुत्र को सीएम बनाने के बाद सरकार कैसे चलानी है, इसकी सलाह तो अब पिता और चाचा लोग ही देंगे ना। सो वे कर रहे हैं, लेकिन एक आईपीएस अधिकारी को फोन पर धमकाना कहां तक जायज है ?

आखिर पिता के बोल हैं तो फिर कैसे पुत्र इसे गलत ठहरा दे, सो अखिलेश का ये कहना कहीं से भी हैरानी भरा नहीं लगता। लेकिन राजनीति के जिस पड़ाव में मुलायम सिंह यादव पहुंच चुके हैं, वहां पर मुलायम का एक अधिकारी के लिए इस तरह कठोर होना सोचने पर मजबूर करता है।

हैरानी इसलिए भी होती है कि मुलायम सिंह अमिताभ ठाकुर को 2006 में घटित फिरोजाबाद के जसराना की एक घटना की याद दिलाते हुए ठाकुर का उससे भी बुरा हश्र करने की बात कहते हैं। कथित ऑडियो टेप में मुलायम कहते हैं कि उन्होंने ही अमिताभ ठाकुर को सपा कार्यकर्ताओं से बचाया था।

दरअसल ये घटना 2006 की है, तब अमिताभ ठाकुर फिरोजाबाद में एसपी थे और सूबे की कमान मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी। उसी दौरान एसपी विधायक और मुलायम सिंह यादव के समधी रामवीर सिंह ने शिवपाल सिंह यादव को जसराना के एक कार्यक्रम में बुलाया था। कार्यक्रम स्थल पर एसपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बदइंतजामी को लेकर विवाद हुआ और पुलिसकर्मियों को पीटा गया। एसपी अमिताभ ठाकुर मौके पर पहुंचे तो उनके साथ भी हाथापाई हुई और कार्यकर्ता उन्हें स्कूल परिसर में खींच ले गए। इसकी जानकारी मिलते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने समर्थकों को समझा-बुझा कर एसपी अमिताभ ठाकुर को छुड़वाया और उनसे मामले की रिपोर्ट न दर्ज करने की हिदायत दी।

ये घटना ये भी बताती है कि सपा राज में मुलायम सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए कैसे सपा कार्यकर्ताओं में इतनी हिम्मत थी कि वे पुलिसकर्मियों की पिटाई करने के साथ ही एक आईपीएस अधिकारी पर भी हमला करने से नहीं हिचकिचाए।

मतलब साफ है कि सपा राज में सपा नेताओं में कानून का कोई खौफ नहीं है। होता तो शायद जसराना में अमिताभ ठाकुर के साथ ये सब घटित न होता और न मुलायम उसकी मिसाल दे रहे होते।

वैसे भी ये वही मुलायम सिंह हैं जो रेप की घटनाओं पर कहते सुनाई देते हैं कि लड़कों से गलती हो जाती है।

ये वही मुलायम सिंह हैं, जो यूपी में पुलिस अधिकारी जिया उल हक समेत तीन लोगों की मौत पर विपक्षी पार्टी बसपा के यूपी में जंगलराज और गुंडाराज होने की बात पर जवाब देते हैं कि- “सूप बोले तो बोले, छलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद। मायावती की सरकार के कई मंत्री और विधायक रेप, भ्रष्टाचार जैसे मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं, ऐसे में उन्हें सपा सरकार के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है”। (पढ़ें- छलनी भी बोले जिसमें 72 छेद..!)

अब अमिताभ ठाकुर जब मुलायम सिंह के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराते हैं तो अगले ही दिन ठाकुर के खिलाफ रेप की एफआईआर दर्ज हो जाती है। साथ ही यूपी सरकार ठाकुर को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड कर देती है। लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुलायम के कठोर दिल की कहानी को सलाह समझकर भूल जाने की हिदायत देते नजर आते हैं।

सत्ता हाथ में है तो सब जायज है, वही यूपी में हो रहा है, लेकिन मुलायम और अखिलेश समेत सपाईयों को ये नहीं भूलना चाहिए कि जनता सब देख रही है और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है।

deepaktiwari555@gmail.com

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