Menu
blogid : 11729 postid : 766851

उपचुनाव- हवा हुई मोदी लहर !

प्रयास
प्रयास
  • 427 Posts
  • 594 Comments

उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने आखिर डर के आगे जीत का सफर पूरा कर ही लिया। सोमेश्वर और डोईवाला दो विधानसभा सीटें खाली होने के बाद भी धारचूला विधानसभा सीट खाली करवा कर वहां से चुनाव लड़ रहे हरीश रावत ने चुनाव जीतकर न सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है बल्कि उपचुनाव में 3-0 से क्लीन स्वीप कर एक तरह से राज्य में मोदी लहर की भी हवा निकाल दी है। 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या 32 से बढ़कर अब 35 हो गई है, जाहिर है बसपा और निर्दलीय विधायकों की बैशाखी के सहारे खड़ी रावत सरकार भी अब उत्तराखंड में मजबूत स्थिति में आ गई है। (पढ़ें – एक मुख्यमंत्री का डर !)

हार के डर के साथ चुनाव मैदान में उतरे हरीश रावत के लिए जीत की खुशी सबसे ज्यादा होगी क्योंकि जिन हालात में हरीश रावत ने उत्तराखंड के सीएम की कुर्सी संभाली और जिस मोदी लहर में आम चुनाव में उत्तराखंड में कांग्रेस का 5-0 से सफाया हो गया था, उस हालात में तीन सीटों पर उपचुनाव कांग्रेस के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं था, शायद इसलिए ही रावत ने खाली पड़ी दो सीटों डोईवाला और सोमेश्वर से चुनाव लड़ने की बजाए अपने लिए सेफ सीट चुनी और धारचूला सीट को अपने ही खास विधायक हरीश धामी से खाली करवाया।

वैसे इन नतीजों की उम्मीद हरीश रावत ने भी नहीं की होगी वरना रावत धारचूला की बजाए डोईवाला या सोमेश्वर से चुनाव लड़ रहे होते। सीएम की कुर्सी में बैठने के बाद से ही मुश्किलों में जूझ रहे हरीश रावत के लिए तो फिलहाल ये जीत संजीवनी की तरह आई है या कह सकते हैं कि रावत के लिए अच्छे दिन लेकर आई है, लेकिन उत्तराखंड में रावत के सामने चुनौतियां कम नहीं है।

बीते साल केदारनाथ आपदा के दौरान मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार की नाकामी के दागों को धोकर आगे बढ़ना हरीश रावत के लिए आसान नहीं होगा, वो भी ऐसे वक्त पर जब आपदा के एक साल बाद भी सरकार की नाकामी और निकम्मेपन के सबूत लाशों के तौर पर सामने आ रहे हैं।  बहरहाल उम्मीद करते हैं उपचुनाव में जीत की संजीवनी के बाद अब हरीश रावत बहुगुणा के रास्ते पर न चलते हुए उत्तराखंड के विकास के लिए काम करेंगे, जैसा की हरीश रावत कहते आए हैं।

उत्तराखंड में 3-0 से कांग्रेस के पक्ष में उपचुनाव के नतीजे सिर्फ कांग्रेस के लिए ही अच्छे दिन नहीं लाए बल्कि भाजपा के लिए भी बुरे दिन की शुरुआत की तरह है। आम चुनाव में प्रचंड बहुमत से केन्द्र की सत्ता में आने वाली भाजपा ने शायद ही सोचा होगा कि मोदी लहर का असर दो महीने में ही काफूर हो जाएगा। उत्तराखंड के उपचुनाव में भाजपा शायद अति आत्मविश्वास से लबरेज थी लेकिन नतीजों ने उसे जमीन पर ला दिया है। जाहिर है आम जनता की जेब पर महंगाई की मार ने अपना असर तो दिखाया है, और ये असर जनता की नाराजगी के रूप में सामने आया है।

अहम बात ये है कि कुछ ही दिनों में कई राज्यों में खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होना है और इसके साथ ही हरियाणा, महाराष्ट्र के साथ ही दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। जाहिर है उत्तराखंड में 3-0 की हार भाजपा के माथे पर बल लाने के लिए काफी हैं। हालांकि उत्तराखंड के उपचुनाव के नतीजों के आधार पर भविष्य में होने वाले चुनाव के नतीजों की भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती लेकिन इन नतीजों को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता।

deepakiwari555@gmail.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply