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सुना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबसे खासमखास और आम चुनाव में यूपी में भाजपा के खेवनहार अमित शाह को जेड प्लस सुरक्षा दी जाने वाली है। इसके पीछे कहा ये जा रहा है कि अमित शाह की जान को खतरा है, इसलिए उन्हें ये सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। जबकि इसके साथ ही कई वीवीआईपी नेताओं को वर्तमान में दी जा रही जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा पर फिर से विचार किया जा रहा है और जल्द ही इस पर गृह मंत्रालय फैसला ले सकता है यानि कि कई वीवीआईपी नेताओं की सुरक्षा हटाई जा सकती है। दूसरी बात तो समझ में आई कि कई वीवीआईपी को दी जा रही जेड प्लस सुरक्षा की समीक्षा के बाद उसे वापस लिया जा सकता है लेकिन अमित शाह को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने की बात गले नहीं उतर रही है।
पीएम की कुर्सी संभालने के साथ ही अपने मंत्रियों के साथ ही दूसरे लोगों को खर्चों में कटौती का पाठ पढ़ाने वाले पीएम नरेन्द्र मोदी के सबसे करीबी अमित शाह को जेड श्रेणी सुरक्षा दिया जाने का फैसला कई सवाल खड़े करता है। साथ ही मोदी की कथनी और करनी के फर्क को भी झलकाता है। जाहिर है शाह की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय के फैसले की जानकारी मोदी को भी होगी लेकिन इसके बाद भी अपने खासमखास को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दिए जाने पर मोदी की रजामंदी, शाह के मोदी प्रेम की ही एक झलक है।
आखिर हो भी क्यों न, आखिर दिल्ली का सुल्तान बनाने की राह में सबसे बड़े रोड़े उत्तर प्रदेश को अमित शाह ने मोदी के लिए फतह जो किया था। फतह भी ऐसी कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम पर पहली बार 282 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया। वैसे भी मोदी के पीएम रहते अमित शाह ने अगर सत्ता सुख हासिल नहीं किया तो फिर और कौन करेगा ?
इस फैसले पर सवाल सिर्फ इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एक तरफ मोदी खुद खर्चों में कटौती की बात कर रहे हैं, दिखावे से दूर रहने का पाठ सबको पढ़ा रहे हैं, इसके लिए जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की समीक्षा कर उसे वापस लेने की तैयारी सरकार कर रही है, दूसरी तरफ अमित शाह को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने की तैयारी की जा रही है। बहरहाल बात अमित शाह की है, इसलिए कोई कुछ नहीं बोलेगा, कहीं पीएम साहब नाराज हो गए तो अच्छे दिन कहां से आएंगे ?
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