Menu
blogid : 11729 postid : 601454

हिंदी है हम वतन से, हिंदोस्तां हमारा “Contest”

प्रयास
प्रयास
  • 427 Posts
  • 594 Comments

हिंदी हैं हम वतन से लेकिन हम हिंदी बोलेंगे नहीं, हमें अंग्रेजी में ही बात करनी है क्योंकि अंग्रेजी बोलना हमें “स्टेटस सिंबल” लगता है। हम कोशिश करते हैं कि हम कहीं जाएं तो हम हिंदी की जगह अंग्रेजी में ही बात करें। जहां जरुरत नहीं है, हम वहां पर भी हिंदी में ही बात करने की कोशिश करते हैं। सवाल ये है कि क्या इसकी वाकई में जरुरत है..? जहां जरुरी है, वहां तक तो अंग्रेजी ठीक है लेकिन क्या हम हिंदी को उसका सम्मान वापस दिलवाने के लिए अपनी तरफ से पहल नहीं कर सकते..? क्या हम जहां जरुरी न हो वहां अंग्रेजी की जगह हिंदी का इस्तेमाल नहीं कर सकते..?

हमारी सरकार हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात करती है। हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर सरकारी विभागों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी पखवारे का आयोजन किया जाता है। लोगों से हिंदी में अपना काम करने की अपील की जाती है लेकिन अक्सर देखने को मिलता है कि इस सब के लिए सरकारी विभागों से जो आदेश जारी होते हैं, वो अंग्रेजी में जारी होते हैं। बात हिंदी की होती है लेकिन भाषा अंग्रेजी इस्तेमाल की जाती है।

अब ऐसे में इन हिंदी पखवारे को मनाने का क्या औचित्य है..? ये कम से कम मेरी समझ से तो बाहर है। सबसे अहम चीज कि क्या सिर्फ हिंदी पखवारे से ही हम हिंदी को उसका वो सम्मान लौटा सकते हैं, जो उसे वास्तव में मिलना चाहिए..? जाहिर है सिर्फ वर्ष में एक दिन हिंदी दिवस मनाने और हिंदी पखवारे के आयोजन मात्र से ही अंग्रेजी के सामने हम हिंदी को खड़ा नहीं कर सकते। जाहिर है इस तरह के आयोजन सिर्फ एक औपचारिकता मात्र होते हैं और पूरे साल इस पर कोई बात नहीं होती।

इसका मतलब ये नहीं है कि अंग्रेजी को पूर्णतया तिलांजलि दे दी जाए, बदलते वक्त के साथ अंग्रेजी की अपनी अलग अहमियत है लेकिन इसका ध्यान तो रखा जा सकता है कि हिंदी खुद को उपेक्षित महसूस न करे।

हम ये सोचें कि इसकी जिम्मेदारी भी हमें सरकार पर छोड़ देनी चाहिए तो वास्तव में ये हमारी बड़ी भूल होगी क्योंकि इसकी शुरुआत हम लोगों से ही होती है। हम अगर ठान लें कि हम जहां अंग्रेजी के बिना आपका काम नहीं चल सकता उस जगह को छोड़कर सिर्फ हिंदी में ही बात करेंगे, अपना ज्यादा से ज्यादा काम हिंदी में ही करने की कोशिश करेंगे तो निश्चित तौर पर हम हिंदी को उसका सम्मान वापस दिला सकते हैं। ये शायद हिंदी दिवस पर आयोजित होने वाले हिंदी पखवारे से ज्यादा प्रभावी होगा और हम गर्व से कह सकेंगे की हिंदी है हम वतन से, हिंदोस्तां हमारा…सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा। आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।

deepaktiwari555@gmail.com

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply