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कब तक आंख रोएगी..?

प्रयास
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वो जिंदा था तो हमारी सरकार सोयी हुई थी..! वह बोल सकता था तो उसकी आवाज हमारी सरकार के कानों तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती थी..! एक साजिश के बाद उसकी रूह ने उसके शरीर का साथ छोड़ दिया तो भारत सरकार भी नींद से जाग गई..! अब उसके ठंडे पड़ गए शरीर और शांत पड़े लबों की गूंज भी 7 रेसकोर्स से लेकर 10 जनपथ तक सुनाई दे रही है लेकिन अब क्या हो सकता है..? हो सकता है न…आसुओं पर राजनीतिक रोटियां सेंककर वोटबैंक को बढ़ाने का काम..! जो पूरी तल्लीनता के साथ हो भी रहा है..!

घड़ियाली आंसू बहाए जा रहे हैं तो सरकारी इमदाद के नाम पर आंसुओं को पोंछने का काम किया जा रहा है। लेकिन हर जगह राजनीति चमकाने वाले इन नेताओं को कौन समझाए कि घडियाली आसुंओं और सरकारी इमदाद से ठंडे शरीर में जान वापस नहीं आ जाती..!  एक बहन को उसका भाई वापस नहीं मिल सकता..! एक पत्नी को उसका सुहाग वापस नहीं मिल सकता तो एक बच्चों के सिर पर पिता का साया वापस नहीं आ सकता..!

सरबजीत के जाने के बाद अब पाकिस्तान सरकार से सरबजीत की हत्या की पूरी जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग सरकार कर रही है लेकिन इतना तो समझो भारत के तारणहारों कि अगर पाकिस्तान में मामले की जांच भी होती है तो क्या हो जाएगा..?

क्या ये जांच निष्पक्ष होगी..? क्या जांच के बाद दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा..? जाहिर है इसकी उम्मीद न के बराबर है।

जब भारत की जांच एजेंसियों पर भारत के लोगों को भरोसा नहीं तो पाकिस्तानी जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर कैसे भारत के लोग भरोसा करेंगे..!

जांच होती भी है तो जो परिणाम आएगा वह सबको मालूम ही है ऐसे में क्यों पाकिस्तान के सामने जांच की मांग को लेकर गिड़गिड़ा रहे हो..!

अक्सर सब कुछ लुट जाने के बाद हरकत में आने वाली भारत सरकार से बस इतनी सी दरख्वास्त है कि हो सके तो इतना जरूर कर देना कि भविष्य में कोई और सरबजीत की मौत न मरने पाए..! जीते जी कोई सरबजीत आवाज दे तो उसकी आवाज सुन लेना और कुछ अनहोनी होने से पहले ही हरकत में आ जाना..! ताकि किसी सुहागिन का सुहाग उजडने से बच जाए और बच्चों के सिर पर पिता का साया बना रहे..! (जरूर पढ़ें- और कितने सरबजीत..?)

वर्ना भारत में तो मानो अब इस सबकी आदत सी हो गयी है…जिस पर ये मशहूर शेर एकदम सटीक बैठता है..!

कब तक आंख रोएगी, कहां तक किसी का गम होगा।

मेरे जैसा तो कोई न कोई, यहां रोज कम होगा।।

deepaktiwari555@gmail.com

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