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छलनी भी बोले जिसमें 72 छेद..!

प्रयास
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उत्तर प्रदेश में पुलिस अधिकारी जिया उल हक समेत तीन लोगों की मौत पर जब विपक्षी पार्टी बसपा सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर निशाना साधते हुए यूपी में जंगलराज और गुंडाराज होने की बात कहती हैं तो जवाब में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव कहते हैं- सूप बोले तो बोले, छलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद। मायावती की सरकार के कई मंत्री और विधायक रेप, भ्रष्टाचार जैसे मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं, ऐसे में उन्हें सपा सरकार के बारे में बोलने का कोई हक नहीं है

गजब करते हो मुलायम सिंह साहब उत्तर प्रदेश में पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी जाती है…आपकी सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया पर हत्या कराने का आरोप लगता है और आप ये कहकर संतोष कर रहे हैं कि पिछली सरकार में भी तो ऐसा ही कुछ हुआ था..! पिछली सरकार के कई मंत्री और विधायक ऐसे ही मामलों में जेल की हवा खा रहे हैं..! मतलब जो पिछली सरकार में हुआ अगर वैसा ही सपा सरकार में हो रहा है तो सब ठीक है…ये तो वही बात हुई पिछली सरकार में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश को जमकर लूटा, निर्दोष लोगों की हत्या की है इसलिए हम भी ऐसा ही करेंगे..!

आपकी बात का तो यह मतलब निकलता है कि हम तो यूपी में सुशासन नहीं लाएंगे…हम अपराधियों पर नकेल नहीं कसेंगे…हम भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों पर लगाम नहीं लगाएंगे क्योंकि यही तो पिछली सरकार ने भी किया था। बड़ा ही शानदार तरीका है आपका तो गलत चीजों को जस्टिफाई करने का..!

वैसे भी यूपी में ऐसी घटनाएं होनी की आशंका उस दन प्रबल हो गयी थी जब प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल विस्तार में दागियों को अपनी टीम में शामिल किया था। (पढ़ें- अखिलेश यादव- तकदीर पर ग्रहण ! )

उत्तर प्रदेश की सबसे युवा मुख्यमंत्री का खिताब हासिल कर चुके अखिलेश यादव के लिए अपने पिता की राजनीतिक दोस्ती का वास्ता रखना हर कदम पर महंगा सौदा साबित हो रहा है। चाहे पिता के करीबी दागी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात हो या फिर दागियों के अपराधों पर पर्दा डालने की बात। एक युवा चेहरे से देश के सबसे बड़े राज्य के लोगों को जो उम्मीद थी वो अपराधों की गर्मी में झुलसती दिखाई दे रही है। इस उम्मीद को हकीकत में बदलता हम तब तक नहीं देख पाएंगे जब तक अखिलेश के पिता मुलायम सिंह का दखल सरकार में कम नहीं होता और अखिलेश पूरी स्वतंत्रता से काम नहीं करते लेकिन अफसोस इस बात का है कि ऐसी उम्मीद करना ठीक उसी तरह है जैसे 2014 में मुलायम सिंह के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद करना..!

deepaktiwari555@gmail.com

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