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भ्रष्टाचार जिंदाबाद !!

प्रयास
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केन्द्रीय कैबिनेट ने संशोधित लोकपाल पर मुहर क्या लगाई…एक बार फिर से लोकपाल पर तकरार शुरु हो गई है। सरकार कह रही है कि ये एक सशक्त लोकपाल है और इससे भ्रष्टाचार पर लगाम कसेगी लेकिन लोकपाल को लेकर सरकार की नाक में दम करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे कहते हैं कि ये लोकपाल प्रभावी नहीं है।
अन्ना ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम ने उन्हें चिट्ठी लिखकर सीबीआई को लोकपाल के दायरे में रखने के साथ ही मजबूत लोकपाल लाने का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सीबीआई को लोकपाल के दायरे में न रखने पर अन्ना कहते हैं कि सीबीआई को लोकपाल के दायरे में होना बहुत जरूरी है…इसके बिना लोकपाल का कोई मतलब नहीं है।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भ्रष्टाचार को कैंसर तो बताती हैं…प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार पर चिंता तो जताते हैं लेकिन भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए प्रभावी लोकपाल लाने की जब बारी आती है तो ये लोग कदम पीछे खींच लेते हैं।
जाहिर है इनकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क है…शायद इसलिए ही सरकार सीबीआई और सीवीसी को लोकपाल के दायरे में नहीं लाना चाहती है..!
माना सिर्फ लोकपाल से भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म नहीं होगा लेकिन भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए लोकपाल एक शुरुआत तो हो सकता है लेकिन अफसोस सरकार ये शुरुआत करना ही नहीं चाहती..!
शुरुआत हो भी कैसे जब सरकार में शामिल एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हों तो क्यों कोई सरकार ऐसा कानून लाना चाहेगी जो भविष्य में उसके मंत्रियों के गले की ही फांस बन सकता है..!
सरकार की मंशा अगर सशक्त लोकपाल लाने की होती जैसा अन्ना हजारे मांग कर रहे हैं तो क्या लोकपाल पर इतनी तकरार होती..?
क्या अब तक लोकपाल बिल पास नहीं हो गया होता..?
जाहिर है लोकपाल की राह में सबसे बड़ा रोड़ा सरकार ही है..! सरकार नहीं चाहती कि एक सशक्त लोकपाल आए..!
हो सकता है कि बजट सत्र में संशोधित लोकपाल बिल पास भी हो जाए क्योंकि संसद में सशक्त लोकपाल के समर्थन में आवाज उठाने वाला कोई नहीं है क्योंकि विपक्ष में बैठे लोग ये जानते हैं कि कभी न कभी वे भी सत्ता में आएंगे ऐसे में सशक्त लोकपाल एक दिन उनके गले की फांस भी बन सकता है..! तो क्यों वो इसके पक्ष में आवाज बुलंद करेंगे..?
बहरहाल लोकपाल को लेकर तकरार शुरु हो गई है…सरकार बजट सत्र में राज्यसभा में लोकपाल लाने की तैयारी कर रही है तो अन्ना हजारे ने मजबूत लोकपाल के लिए देशभर में घूम घूमकर एक बार फिर से बड़ा जनांदोलन करने की बात कही है…जो साफ ईशारा कर रहा है कि लोकपाल पर छाया कुहासा फिलहाल तो जल्द छंटने के कोई आसार नहीं है…यानि कि भ्रष्टाचार जिंदाबाद!!

deepaktiwari555@gmail.com

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