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शाहरुख खान ने बढ़ाया रहमान मलिक का हौसला !

प्रयास
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सीमा पार से पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक को भारतीय अभिनेता शाहरुख खान की चिंता खूब सता रहा है लेकिन क्या ये वाकई में रहमान मलिक की चिंता है या कुछ और…? ये बड़ा सवाल है।
ये सवाल इसलिए भी उठता है क्योंकि रहमान मलिक अपने मुल्क के वाशिंदों को तो सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम साबित हुए हैं ऐसे में उनका एक भारतीय को वो भी मुसल्मि की सुरक्षा की चिंता करना गले तो नहीं उतरता।
27 दिसंबर 2007 की तारीख तो रहमान मलिक साहब आपको याद ही होगी जब पाकिस्तान में रावलपिंडी के लियाकत बाग में पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सरेआम हत्या कर दी गयी थी।
इतना काफी नहीं है तो रहमान मलिक साहब एक और तारीख आपको याद दिला देते हैं- 16 अक्टूबर 1951…याद है ये तारीख…जब रावलपिंडी के लियाकत बाग में ही पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या कर दी गई थी। उनके हत्यारों को तो आज तक आप पकड़ नहीं पाए..!
इसके अलावा पाकिस्तान में आए दिन होने वाले बम धमाके और गोलीबारी की घटनाओं की गूंज तो रहमान मलिक साहब आपके कानों तक पहुंचती ही होगी…किस तरह हर रोज पाकिस्तान में निर्दोष लोगों को चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के क्यों न हो मार दिया जाता है..!
न जाने कितने ही मंदिर, मस्जिद और दरगाहें तोड़ दी जाती हैं…अमन की बात करने वालों को मौत की नींद सुला दिया जाता है लेकिन आप कुछ नहीं कर पाते..!
आप करोगे भी क्या..?
आपको तो अमन और चैन की भाषा समझ ही नहीं आती..! आप अपना घर तो संभाल नहीं पाए…चले हो दूसरों को नसीहत देने।
1999 में कारगिल में पाकिस्तानी सैनिक लड़ते हैं तो आप ये कहकर पलट जाते हो कि वे आतंकवादी थे…हमारे सैनिक नहीं थे..! ये बात अलग है कि आपकी ही सेना के एक पूर्व कमांडर बाद में आपके झूठ का पर्दाफाश करते हैं।
भारतीय सीमा पर पाकस्तानी सैनिक घुसकर भारतीय सैनिकों के साथ बर्बरता करते हैं तो आप इसको सिरे से खारिज कर देते हैं…ये बात अलग है कि एलओसी के पास भारतीय क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों की बिछाई बारुदी सुरंग सारी कहानी खुद बयां कर देती है।
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में बैठकर कश्मीर की लड़ाई तेज करने की बात करता है और आप कहते हो कि हाफिज के खिलाफ सबूत नहीं हैं।
कितना झूठ बोलोगे मलिक साहब…खैर इसमें आपकी भी गलती नहीं है…दरअसल ये आप जैसे अमन के दुश्मन पाकिस्तानियों के खून में ही है।
अपने मुल्क में तो आप अमन कायम कर नहीं पाते…या कहें कि करना ही नहीं चाहते लेकिन भारत में अमन और शांति आपको बर्दाश्त नहीं होती..! इसलिए ही आप भारत में आते हो तो मुंबई हमले की तुलना बाबरी विध्वंस से करते हो और पाकिस्तान में बैठकर शाहरुख खान की चिंता करते हो।
आप जितनी मर्जी कोशिश कर लो लेकिन आपके नापाक ईरादे कभी पूरे नहीं होने वाले क्योंकि ये पाकिस्तान नहीं हिंदुस्तान है मलिक साहब हिंदुस्तान..!
ये तो रही रहमान मलिक की बात लेकिन इस मामले में शाहरुख खान की चुप्पी समझ नहीं आती…क्या शाहरुख को मलिक के इस बयान का खुद जवाब नहीं देना चाहिए..?
क्या शाहरुख को वाकई में एक ऐसा इंटरव्टयू देने की जरूरत थी…जो रहमान मलिक को ऐसा बयान देने के लिए प्रेरित करता क्योंकि पाकिस्तान तो ताक में रहता है ऐसे बयानों की…जिसके सहारे वह भारत को निशाना बना सके और मुस्लिमों की भावनाओं से खिलवाड़ कर सके।
शाहरुख कहते हैं कि- ‘मैं कभी-कभी राजनीतिज्ञों के लिए एक बेपरवाह वस्तु हो जाता हूं। वे उन सभी चीजों के लिए मुझे एक प्रतीक के रूप में लेते हैं, जिन्हें वे मुस्लिमों के बारे में गलत समझते हैं।’
शाहरुख साहब आपको कभी कभी ऐसे बयानों का दर्द हो रहा है लेकिन आपको भारत के 121 करोड़ लोगों को वो प्यार याद नहीं आता जो आपको हिंदुस्तान में मिलता आया है और मिल रहा है..!
आपकी एक एक झलक पाने के लिए आपके करोडों फैंस की दीवानगी आपको नजर नहीं आती खान साहब..!
कुछ तो बोलो खान साहब…देश की जनता आपको सुनना चाहती है…आपके करोड़ों फैंस रहमान मलिक की टिप्पणी पर आपका मन जानना चाहते हैं…कुछ तो बोलो..चुप रहकर तो आप हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह रहमान मलिक का हौसला ही बढ़ा रहे हो।

deepaktiwari555@gmail.com

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