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हेडली पर हल्ला…अफजल पर खामोश क्यों..?

प्रयास
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मुंबई आतंकी के हमले में मदद करने के आरोपी डेविड हेडली को अमेरिकी अदालत ने भले ही 35 साल कैद की सजा सुनी दी हो लेकिन भारत सरकार ने हेडली को दी गई सजा को नाकाफी बताते हुए कहा कि हेडली को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही भारत ने अमरिका से हेडली के प्रत्यपर्ण की भी मांग दोहराई है।
निश्चित तौर पर मुंबई हमला जिसमें 6 अमेरिकी समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी में शामिल आतंकी हेडली को बख्शा नहीं जाना चाहिए और उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए लेकिन क्या भारत सरकार के साथ ही कांग्रेस के नेताओं को ये कहने का हक है…? ये सवाल आपको भले ही अटपटा लगे लेकिन भारत की संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु को घटना के 12 साल बाद भी फांसी की सजा न होना और अफजल की फांसी को लटकाए रखने के सवाल के बाद शायद आप इस बात से सहमत हों कि सरकार हेडली को मौत की सजा की मांग करने का हक क्यों नहीं है..?
सरकार हेडली के भारत प्रत्यर्पण के बाद भारतीय अदालत में केस चलाने की बात कर रही है लेकिन अफजल को फांसी क्यों नहीं दी गई इसका जवाब हमारी सरकार के पास नहीं है जबकि सुप्रीम कोर्ट 4 अगस्त 2005 को अफजल की फांसी की सजा पर मुहर लगा चुका है। 13 दिसंबर 2012 को हमारे गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि वे 22 दिसंबर 2012 को संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने के बाद अफजल गुरु की फाइल पढ़ेंगे लेकिन शिंदे के पास हिंदुओं को तो आतंकवादी साबित करने का समय है लेकिन संसद पर हमले के आरोपी अफजल की फाइल पढ़ने का वक्त नहीं है..!
मुंबई हमले के आरोपी कसाब का केस ही ले लें…कसाब की फांसी की फाइल लंबे समय तक राष्ट्रपति और गृहमंत्रालय के बीच घूमती रहती है और आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद एक दिन गुपचुप कसाब को फांसी दे दी जाती है…हालांकि कहा तो ये तक जा रहा है कि कसाब की मौत डेंगू से हो गई थी..!
ये सवाल इसलिए भी उठते हैं क्योंकि हमारी सरकार का रवैया सीमा पार से घुसपैठ पर भारत में घुसकर वारदात को अंजाम देने वाले आतंकियों के प्रति तो नरम दिखाई देता है लेकिन हमारे देश के गृहमंत्री हिंदू आतंकवाद के नाम को जन्म देकर दुनिया में ये साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते कि भारत एक आतंकवादी राष्ट्र है..!
हमारी सरकार खुद को हाथ पर हाथ धर कर बैठी है लेकिन अमेरिका में हेडली को सजा सुनाई जाती है तो आप उस पर बयान देने में देर नहीं करते। हम सरकार की इस मांग के साथ हैं कि हेडली का प्रत्यर्पण हो और उसे मौत की सजा मिले लेकिन मन में आशंका भी उत्पन्न होती है कि प्रत्यर्पण के बाद अगर हेडली को फांसी की सजा हो भी गई तो क्या गारंटी है कि हेडली को फांसी पर लटका दिया जाएगा..? क्या गारंटी है कि हेडली देश का दूसरा अफजल गुरु नहीं बनेगा..? जब तक सरकार संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु को फांसी नहीं देगी तब तक सरकार की नीयत पर सवाल उठते रहेंगे।

deepaktiwari555@gmail.com

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